बुंदेली दोहा- चंपिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
जीत सकता हूं मैं हर मकाम।
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
भले लोगों के साथ ही बुरा क्यों (लघुकथा)
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
खुद पर भी यकीं,हम पर थोड़ा एतबार रख।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
जय बोलो श्री राधे राधे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi