■ मुक्तक…
#मुक्तक-
■ वो लम्हे फिर नहीं आते!!
【प्रणय प्रभात】
गले लगते-लगाते हैं, गले पड़ते नहीं सुन लो,
हमारे जैसे बन्दे हर किसी के सिर नहीं आते।
अभी भी वक़्त है इस वक़्त की थोड़ी क़दर कर लो,
जो लम्हे बीत जाते हैं वो लम्हे फिर नहीं आते।।
【प्रणय प्रभात】