Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2023 · 1 min read

■ मुक्तक / पुरुषार्थ ही जीवंतता

■ यात्रा का सूत्रधार पहला पग…
【प्रणय प्रभात】
“भाग्य भरोसे बैठे रहना केवल उम्र बिताना है।
कर्म करेगा बिना तर्क के निश्चित ही फल पाएगा।।
मंज़िल तो चल कर के तेरे पास नहीं आने वाली।
एक क़दम आगे रख प्यारे! अगला ख़ुद उठ जाएगा।।”
यात्रा छोटी हो या बड़ी, शुरुआत हमेशा पहले क़दम से ही होती है। यही पुरुषार्थ है। वाहन द्वार पर खड़ा हो तो भी उसमें सवार होने के लिए पग हमें ही उठाने पड़ते हैं। यदि जीवंत हों तो। मृतप्राय या अशक्त हों तो बात अलग है।

1 Like · 283 Views

You may also like these posts

"अल्फ़ाज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
पीकर चलना  नारियल , करना तू प्रयास ।
पीकर चलना नारियल , करना तू प्रयास ।
Neelofar Khan
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
सुन पगली
सुन पगली
जय लगन कुमार हैप्पी
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
दोस्ती कर लें चलो हम।
दोस्ती कर लें चलो हम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
तुम नफरत करो
तुम नफरत करो
Harminder Kaur
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
मेरी यादें
मेरी यादें
Dr fauzia Naseem shad
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
Jyoti Roshni
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Santosh kumar Miri
जय जय जय महादेवा
जय जय जय महादेवा
Arghyadeep Chakraborty
4783.*पूर्णिका*
4783.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"डर बैलट पेपर का"
Khajan Singh Nain
भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे
आकाश महेशपुरी
राधे राधे बोल
राधे राधे बोल
Shailendra Aseem
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅भोलू भड़ासी कहिन🙅
🙅भोलू भड़ासी कहिन🙅
*प्रणय*
शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,
शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,
Ranjeet kumar patre
Allow yourself
Allow yourself
Deep Shikha
नारी
नारी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हारे मत ना हौसलों,
हारे मत ना हौसलों,
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
Ravi Prakash
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
Rj Anand Prajapati
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
*किताब*
*किताब*
Shashank Mishra
Loading...