■ मुक्तक / नेक सलाह
■ मन्तव्य-
जो नश्वर है वो कदापि शाश्वत नहीं हो सकता। केवल धन के लिए आत्मसम्मान को गिरवी रख देने वाले मूल्यहीन चाटुकार इस सत्य से जितनी जल्दी परिचित हो जाएं, बेहतर है।
#प्रणय_प्रभट
■ मन्तव्य-
जो नश्वर है वो कदापि शाश्वत नहीं हो सकता। केवल धन के लिए आत्मसम्मान को गिरवी रख देने वाले मूल्यहीन चाटुकार इस सत्य से जितनी जल्दी परिचित हो जाएं, बेहतर है।
#प्रणय_प्रभट