राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
गरीबी के मार,बीवी के ताने
क्या कहूं अपने बारे में अब बस, दुश्मन सा ही लगता हूं लेकिन ।
बायण बायण म्है करूं, बायण म्हारी मात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
किसी अनजाने पथ पर भय जरूर होता है,
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..