🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
सतगुरु
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
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हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह