स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
मेरे जज्बात जुबां तक तो जरा आने दे
*अपनी-अपनी जाति को, देते जाकर वोट (कुंडलिया)*
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
जो है दिल में वो बताया तो करो।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
प्रभु का प्राकट्य
Anamika Tiwari 'annpurna '
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
मेरे शहर बयाना में भाती भाती के लोग है
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
ग़म मौत के ......(.एक रचना )