हम बदल गये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
दोस्त, ज़िंदगी में तीन चीजे काम करती हैं,नीति,नियम और नियत,अ
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
समझाए काल
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
मेरे लफ़्ज़ों में जो खुद को तलाश लेता है।