बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं।
अनुभव एक ताबीज है
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना