■ फ़ासले…!
■ एक सच…
【प्रणय प्रभात】
“फ़ासले वक़्त या नसीब की वजह से कम, सोच और स्वभाव के कारण ज़्यादा बढ़ते हैं। वक़्त और किस्मत से बने फासले समय और नसीब के साथ ख़त्म हो सकते हैं लेकिन…….!”
■ एक सच…
【प्रणय प्रभात】
“फ़ासले वक़्त या नसीब की वजह से कम, सोच और स्वभाव के कारण ज़्यादा बढ़ते हैं। वक़्त और किस्मत से बने फासले समय और नसीब के साथ ख़त्म हो सकते हैं लेकिन…….!”