■ परिहास / प्रसंगवश….
#नई_परिभाषा….
■ एक परिहास / प्रसंगवश….
【प्रणय प्रभात】
“डकार” एक ऐसी क्रिया है जिसका संबंध सम-विषम दोनों ही स्थितियों से है। डकार भरे पेट से भी निकलती है और ख़ाली से भी। मज़े की बात यह है कि भरे पेट वाली डकार की गूंज खाली पेट की डकार से कमज़ोर होती है। बस यही हाल बादलों का है। नियम इंसानों पर भी लागू होता है। कोई ज़ोरदारी से गरजता दिखे तो समझ जाइएगा कि भूखा है बेचारा। साथ ही दुर्बल भी। फिर दुर्बलता शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, बौद्धिक या चारित्रिक कोई सी भी हो सकती है।