■ नाम_ही_काफी_है…
■ नाम_ही_काफी_है…
“इनकी मंशा, निज़ाज और औक़ात बताने के लिए। फिर भी इन पर भरोसा…? बहुत भारी पड़ेगा एक दिन। समूचे देश को।।”
【प्रणय प्रभात】
■ नाम_ही_काफी_है…
“इनकी मंशा, निज़ाज और औक़ात बताने के लिए। फिर भी इन पर भरोसा…? बहुत भारी पड़ेगा एक दिन। समूचे देश को।।”
【प्रणय प्रभात】