Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2023 · 1 min read

■ दोहे फागुन के…

■ दोहे फागुन के :-
【प्रणय प्रभात】

● बरसाने में राधिका,
गोकुल में घनश्याम।
जब तक दोनों ना मिलें,
फ़ीके रंग तमाम।।

● मादक सा मौसम हुआ,
अलसाई सी देह।
सबको वश में कर रहा,
वही फागुनी नेह।।

● चटख रंग की चाह थी,
पूरी हुई तलाश।
रंगत देने पर्व को
ख़ुद खिल गए पलाश।।

● होली का आनंद लें,
राग-द्वेष को भूल।
नेह निमंत्रण दे रहे,
ये टेसू के फूल।।

● होली हो उल्लास की,
उपजे नई उमंग।
तन से मन तक जा रमें,
नेह-प्रेम के रंग।।

● धूप नुकीली सी लगे,
मीठी लगे बयार।
फागुन रंगत पा रहा,
बता रहा कचनार।।

● होली का वंदन करें,
जन-जीवन के संग।
क़ुदरत ने बिखरा दिए,
क़दम-क़दम पे रंग।।

● बस उस दिन हो जाएगा,
अपना हर दिन फाग।
श्यामल भू के शीश पर,
हो केसरिया पाग।।

★प्रणय प्रभात★
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 599 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"जानिब"
Dr. Kishan tandon kranti
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
असर हुआ इसरार का,
असर हुआ इसरार का,
sushil sarna
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
भावना में
भावना में
surenderpal vaidya
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
श्रेष्ठ रचनाएं
श्रेष्ठ रचनाएं
*प्रणय*
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
मानव तन
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
सुनीलानंद महंत
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
3082.*पूर्णिका*
3082.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Value the person before they become a memory.
Value the person before they become a memory.
पूर्वार्थ
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सेवा जोहार
सेवा जोहार
नेताम आर सी
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Welcome to HBNO, your go-to destination for the finest essen
Welcome to HBNO, your go-to destination for the finest essen
HBNO OIL
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
*
*"ऐ वतन"*
Shashi kala vyas
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
सत्य कहाँ ?
सत्य कहाँ ?
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
gurudeenverma198
Loading...