विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
इंतज़ार की मियाद क्यों नहीं होती
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
जिस कदर उम्र का आना जाना है
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
उम्र पैंतालीस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हमें यह समझना होगा कि सब कुछ व्यक्तिपरक है। हर स्थिति को हल
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ
सेवानिवृत्ति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"ज्ञानी प्रजा,नादान राजा"
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।