*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
कुछ शब्द स्कूल की जिंदगी के लिए
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ