■ तो समझ लेना-
■ तो समझ लेना-
【प्रणय प्रभात】
“जब मृतात्माऐं क़ब्र फाड़ कर बाहर निकल आऐं और अपने जीवित होने का सुबूत कोहराम मचाते हुए देने लगें।
चारों तरफ शोर-गुल व हलचल बढ़ जाए और आम आदमी रातों-रात ख़ास नज़र आने लगे।
बेसहारों को चारा-पानी नसीब होने लग जाए और मुर्दा संगठन व संस्थाऐं अकस्मात क्रियाशील हो उठें।
सदियों पहले के दिवंगत और मर-खप चुके जीव अचानक पूजित हो सुर्खियों में आ जाएं तथा लौंग-अदरक जैसी तीखी ज़ुबानों से इलायची की सुगंध के साथ शहद टपकने लगे तो समझ लेना चाहिए कि चुनाव सिर पर हैं।”