■ तेवरी ? #ग़ज़ल
#तेवरी / देसी ग़ज़ल
■ बौने कितने बड़े हो गए।।
【प्रणय प्रभात】
★ सर पे चढ़ के खड़े हो गए।
बौने कितने बड़े हो गए।।
★ पानी रुका न आँसू ठहरा।
दिल सब चिकने घड़े हो गए।।
★ ऊपर से अंडों से सुंदर।
भीतर-भीतर सड़े हो गए।।
★ एक नहीं रह पाए हम सब।
देखो, कितने धड़े हो गए।।
★ उसने ज़रा चिरौरी क्या की।
इसके तेवर कड़े हो गए।।