तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
रावण न जला हां ज्ञान जला।
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
गीत- रहें मिलकर सजाएँ प्यार से...
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
#वचनों की कलियाँ खिली नहीं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
As you pursue your goals and become a better version of your