मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
साहिलों पर .... (लघु रचना )
जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)