sp122 दुनिया एक मुसाफिरखाना
लोगों को खुद की कमी दिखाई नहीं देती
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
हिंदी दोहे-प्राण
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"पँछियोँ मेँ भी, अमिट है प्यार..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पतोहन के साथे करें ली खेल
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!