■ गीत -/ पल-पल…..
#गीत
■ पल-पल…..
【प्रणय प्रभात】
तेरा तो बस आज है प्यारे!
दुनिया का है कल।
बीतता है पल-पल हर पल।
बीतता है पल-पल हर पल।।
◆ वो तेरा है ये मेरा है सारा भ्रम है भाई।
धन-दौलत, रिश्ते-नाते परछाई हैं परछाई।।
अंतिम सत्य जगत है मिथ्या,
और न ख़ुद को छल।
बीतता है पल-पल हर पल।।
◆ माना काफी उम्र गंवाई अब तक नादानी में।
जग में ऐसे रहना आगे
ज्यों पंकज पानी में।।
पता नहीं जीवन का सूरज,
किस क्षण जाए ढल।
बीतता है पल-पल हर पल।।
◆ यौवन पर दिखती है लेकिन जीवन नदिया उथली।
सांसों की डोरी पर नाचे प्राणों की कठपुतली।।
धड़क-धड़क हर धड़कन कहती,
संभल-संभल कर चल।
बीतता है पल-पल हर पल।।