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3 Dec 2022 · 1 min read

■ ग़ज़ल / अब मेटी नादानी देख…!

#ग़ज़ल
■ अब मेटी नादानी देख…!
【प्रणय प्रभात】

★ हर सूरत अंजानी देख।
तू घर की वीरानी देख।।

★ हुशियारी दिखला बैठा।
अब मेरी नादानी देख।।

★ अपने ऐब छुपाकर रख।
हर ग़लती बेगानी देख।।

★ चन्दा में चरखे के साथ।
सूत कातत्ती नानी देख।।

★ रूहानी सा लगता जिस्म।
फ़ितरत है रूमानी देख।।

★ बेपरवाही का अंजाम।
सर से ऊपर पानी देख।।

★ दिया जलाने से पहले।
ज़रा हवा तूफ़ानी देख।।

★ हस्ती मान बुलबुले सी।
सारी दुनिया फ़ानी देख।।

【मालवा हेरॉल्ड में प्रकाशित ग़ज़ल】

Language: Hindi
1 Like · 147 Views
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