Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2023 · 1 min read

■ खोज-बीन…

■ आज की खोज-
गणित वाले माइनस प्लस माइनस बराबर प्लस और प्लस प्लस प्लस बराबर प्लस कहते हैं। इधर गणित वालों की सारी थ्योरी उल्टी पड़ रही है। अब चाय के साथ बर्फी का क्या वास्ता…?
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
यह कैसा रिश्ता है
यह कैसा रिश्ता है
Minal Aggarwal
लड़कपन
लड़कपन
Dr.Archannaa Mishraa
ग्रीष्म
ग्रीष्म
Kumud Srivastava
मौलिक सृजन
मौलिक सृजन
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
भारत की नई तस्वीर
भारत की नई तस्वीर
Dr.Pratibha Prakash
अपने आमाल पे
अपने आमाल पे
Dr fauzia Naseem shad
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
बिन अनुभव कैसा विश्वास
बिन अनुभव कैसा विश्वास
Mahender Singh
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
मजहबों की न घुट्टी...
मजहबों की न घुट्टी...
अरशद रसूल बदायूंनी
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
आजकल किन किन बातों का गम है
आजकल किन किन बातों का गम है
Ram Krishan Rastogi
कुण्डलियाँ छंद
कुण्डलियाँ छंद
पंकज परिंदा
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
जीना चाहिए
जीना चाहिए
Kanchan verma
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
■ आज की बात
■ आज की बात
*प्रणय*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
"पेड़ों की छाँव तले"
Anil Kumar Mishra
कहे आनंद इस जग में एक ही बात का सार।
कहे आनंद इस जग में एक ही बात का सार।
Rj Anand Prajapati
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
शोभा कुमारी
शायर
शायर
श्याम सिंह बिष्ट
The Tapestry of Humanity
The Tapestry of Humanity
Shyam Sundar Subramanian
4158.💐 *पूर्णिका* 💐
4158.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...