आख़िर तुमने रुला ही दिया!
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
Life isn't all about dating. Focus on achieving your goals a
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है। ⛪🕌🕍🛕🕋
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
नाम हमने लिखा था आंखों में
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ