उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நின
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*हुड़दंगी यह चाहते, बने अराजक देश (कुंडलिया)*
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
सारे दूर विषाद करें
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
उदास धड़कन
singh kunwar sarvendra vikram