आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
यादेँ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हर एक खैरियत पूछने वाला...
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य।