वो सफ़र भी अधूरा रहा, मोहब्बत का सफ़र,
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
जहन के भीतर///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है