श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
*होटल राजमहल हुए, महाराज सब आम (कुंडलिया)*
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
शिव - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।