लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
हम भी तो चाहते हैं, तुम्हें देखना खुश
ये इश्क भी जुनून हैं,मुकाम पाने का ।
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
यूं कौन जानता है यहां हमें,
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
समस्या विकट नहीं है लेकिन