सबसे अधिक वस्तुएं यह कहकर बेची जाती हैं
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
"तुम कौन थे , क्या थे, कौन हो और क्या हो ? इसके बारे में कोई
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इक चमन छोड़ आये वतन के लिए
खिल गई जैसे कली हो प्यार की
मेरे पूर्वज सच लिखकर भूखे सोते थे
*करते स्वागत आपका, श्री कुमार विश्वास (कुंडलिया )*
गीत- किसी को भाव देना भी...
कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विषय:भारतीय राष्ट्रीय ध्वज।
"करारी हार के शिकार लोग ही,
दिव्य प्रेम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक