*स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री राम कुमार बजाज*
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
- अंत ही जीवन की शुरुआत है -
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
फादर्स डे ( Father's Day )
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
वो खत मोहब्बत के जला आई हूं,
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)