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19 Sep 2023 · 1 min read

■ आज की बात

#आज_की_बात
■ मतिभ्रष्ट नराधमों के साथ
【प्रणय प्रभात】
“आपकी जानी-अंजानी मूर्खतापूर्ण या बचकानी बातें सामने वाले को दो-चार दिन के लिए विचलित कर सकती हैं, लेकिन उसी सामने वाले की निगाहों में आपका अपना अस्तित्व और चरित्र हमेशा के लिए विकृत हो जाता है।”
एक महानतम धर्म व संस्कृति तथा उसके प्रतिनिधि महाग्रंथों पर कुत्सित मानसिकता ओर अल्पज्ञान के कारण क्षुद्र टिप्पणियां आपके अपने अधम चरित्र व मानसिक असंतुलन की प्रतीक हैं। जो आपके वर्णसंकरी अस्तित्व, घृणित संस्कार और पाशविक पालन की भी द्योतक हैं।
मामूली से लाभ व स्वार्थों की तात्कालिक पूर्ति के लिए अपने मुख को शौचालय और वचनों को मल समान बना कर आप किसे अपावन कर रहे हैं? इस प्रश्न का उत्तर स्वयं से पूछें। पतित-पावन परमपिता आपके मुख, मस्तिष्क, वाणी और शब्दों को शुद्धि प्रदान करें। जय सियाराम, जय हनुमान। जय मानस, जय तुलसीदास।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

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