बूढ़ा बरगद खिन्न है,कैसे करुँ मैं छाँह
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
बड़े एहसानफ़रामोश - बेगैरत हैं वो
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
करता हूँ, अरदास हे मालिक !
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
*राधा-राधा रटते कान्हा, बंसी की तान सुनाते हैं (राधेश्यामी छ
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,