एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
अब थोड़ा हिसाब चेंज है,अब इमोशनल साइड वाला कोई हिसाब नही है
क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.!
स्त्रियां अपना सर तभी उठाकर चल सकती हैं
ए कानून की कद्र करने वाली मल्लिका
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
दिल में तेरी तस्वीर को सजा रखा है -
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन