सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
The Sound of Birds and Nothing Else
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
Noone cares about your feelings...
हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar
ग़ज़ल -ख़बर से ही भरोसा जा रहा है
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
हजार वेळां हारणौ पड़ै है
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*