*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दिल की आवाज़ सुन लिया करिए,
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
"" *हे अनंत रूप श्रीकृष्ण* ""
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
रिमझिम रिमझिम बारिश में .....
काश ऐसा हो, रात तेरी बांहों में कट जाए,
*सखावत हुसैन खान का गजल गायन: एक अनुभूति*