बेटा-बेटी दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ...
जी तो हमारा भी चाहता है ,
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरे ख़्याल में हूं,मैं तेरे ज़िक्र में हूं ,
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार