#नहीं बदलती तासीर मिट्टी की
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दिन बीता,रैना बीती, बीता सावन भादो ।
"दानव-राज" के हमले में "देव-राज" की मौत। घटना "जंगल-राज" की।
*वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)*
ये कहां उसके कमाने की उम्र थी
जब जब जिंदगी में अंधेरे आते हैं,