Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2023 · 1 min read

■ आज का शेर…

■ आज का शेर…
रुसवाई से बचने के बस दो ही विकल्प। दिन में परछाई और रात में तन्हाई। समझे मेरे भाई!!
★प्रणय प्रभात★

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3987.💐 *पूर्णिका* 💐
3987.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
बुरा किसी को नहीं समझना
बुरा किसी को नहीं समझना
Rambali Mishra
वैभवी
वैभवी
Shakuntla Shaku
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दहेज प्रथा
दहेज प्रथा
Savitri Dhayal
अच्छा समय कभी आता नहीं
अच्छा समय कभी आता नहीं
Meera Thakur
#शेर
#शेर
*प्रणय*
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
राजनीति की गरमी।
राजनीति की गरमी।
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर
ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सच तो जिंदगी भर हम रंगमंच पर किरदार निभाते हैं।
सच तो जिंदगी भर हम रंगमंच पर किरदार निभाते हैं।
Neeraj Agarwal
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
*मोबाइल इंसानी जीवन पर भारी*
*मोबाइल इंसानी जीवन पर भारी*
Vaishaligoel
खामोशी
खामोशी
Sangeeta Beniwal
नारी...तू आइना है।
नारी...तू आइना है।
S.V. Raj
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरा देश
मेरा देश
Santosh kumar Miri
ग्यारह होना
ग्यारह होना
Pankaj Bindas
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
पूर्वार्थ
थोथी ही हुंकार
थोथी ही हुंकार
RAMESH SHARMA
जहां से उठा वही से गिरा हूं मैं।
जहां से उठा वही से गिरा हूं मैं।
Rj Anand Prajapati
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भरोसे का बना रहना
भरोसे का बना रहना
surenderpal vaidya
महालय।
महालय।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
Mahima shukla
Loading...