■ आज का शेर…
■ ढोल सुहाने दूर के…
असलियत का अंदाज़ा नज़दीक जाने के बाद होता है। फिर चाहे वो चाँद हो या इंसान।
【प्रणय प्रभात】
■ ढोल सुहाने दूर के…
असलियत का अंदाज़ा नज़दीक जाने के बाद होता है। फिर चाहे वो चाँद हो या इंसान।
【प्रणय प्रभात】