■ आज का शेर
■ आज के लोग
सिर्फ़ मौसम ही नहीं, कैलेंडर की तरह हैं। फ़र्क़ बस इतना है कि कुछ तारीखों की तरह रोज़ बदलते हैं। कुछ महीनों की तरह महीने में एक बार, तो कुछ साल में।।
【प्रणय प्रभात】
■ आज के लोग
सिर्फ़ मौसम ही नहीं, कैलेंडर की तरह हैं। फ़र्क़ बस इतना है कि कुछ तारीखों की तरह रोज़ बदलते हैं। कुछ महीनों की तरह महीने में एक बार, तो कुछ साल में।।
【प्रणय प्रभात】