■ आज का मुक्तक…
■ एक मुक्तक : एक संदेश
चार दिन का जीवन और हर किसी से अलगाव। कुछ नहीं सिवाय एक नादानी के। मिल कर रहो, सुख-दुःख एक साथ सहो। फिर देखो, जीवन कितना सतरंगी है।।
【प्रणय प्रभात】
■ एक मुक्तक : एक संदेश
चार दिन का जीवन और हर किसी से अलगाव। कुछ नहीं सिवाय एक नादानी के। मिल कर रहो, सुख-दुःख एक साथ सहो। फिर देखो, जीवन कितना सतरंगी है।।
【प्रणय प्रभात】