'मरहबा ' ghazal
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हकीकत तो यही है आप हकीकत में हकीकत से बहुत दूर है सपनो की दु
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
हार से भी जीत जाना सीख ले।
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*धरते मुरली होंठ पर, रचते मधु संसार (कुंडलिया)*
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
सर्द और कोहरा भी सच कहता हैं
सामाजिक कविता: पाना क्या?
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।