तूझे भी अब मेरी लत जो लग गई है,
तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
कितना टूटा हूँ भीतर से तुमको क्या बतलाऊँ मैं,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है