*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
ज़िंदगी जीने को कुछ वक्त बाकी है!!
■ बात सब पर लागू। नेताओं पर भी।।
गीत- हरपल चाहूँ तुझे निहारूँ...
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
भौतिकवाद के निकम्मेपन से तेवरी का उद्भव +राजकुमार ‘निजात’
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
ए कानून की कद्र करने वाली मल्लिका