चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
आप केवल सही या केवल गलत नहीं होते हैं. अक्सर आप दोनों एक साथ
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
जिंदगी छोटी बहुत,घटती हर दिन रोज है
मै ज़ब 2017 मे फेसबुक पर आया आया था
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
I want to tell them, they exist!!
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं