मेरे हिस्से में ना कभी धूप आई ना कभी छांव,
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
*किस्मत में यार नहीं होता*
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
*अभिनंदन के लिए बुलाया, है तो जाना ही होगा (हिंदी गजल/ गीतिक
बाल दिवस स्पेशल... भज गोविंदम भज गोपालम्