: कितनी प्यारी सहज सरल हो... ( हिन्दी दिवस पर )
" कृषक की व्यथा "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
विचार पसंद आए _ पढ़ लिया कीजिए ।
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,