■ आज का अंदेशा
■ भस्मासुर…..
★ कल होंगे और भी मारक
रियायत के केंद्र बड़े शैक्षणिक परिसर अब शिक्षा के मंदिर नहीं सियासत और साज़िश के अखाड़े। सरकारी तंत्र पर हावी संगठनात्मक षड्यंत्र। निकट भविष्य में बनेगा महामारी से भी बड़ी आपदा। पिटवुल खाएंगे भी गुर्राएँगे भी।।
【प्रणय प्रभात】