■ अवतरण पर्व
■ अवतरण पर्व
◆आस्थामय/काव्यात्मक अभिनंदन◆
【प्रणय प्रभात】
“वो चैत्र माह का शुक्ल पक्ष,
माँ कौशल्या का शयन कक्ष।
राजा दशरथ की अवधपुरी,
पावन श्रद्धा की बनी धुरी।
ग्रह वार लगन तिथि योग मिले,
हर दिग्-दिगंत मधुमास खिले।
तब नवमी की तिथि भी आई,
सुर, मुनि, जन ने स्तुति गाई।
अवतरण हुआ रघुराई का,
दिन मंगल भरी बधाई का।
नवमी तिथि स्वयं पुनीत हुई,
खुशियां सर्वत्र प्रतीत हुई।
वो दिवस धन्य हो जाते हैं,
जब प्रभु धरती पर आते हैं।।”
अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक, मर्यादा पुरुषोत्तम, रघुवंश-शिरोमणि, लोक आराध्य प्रभु श्रीराम जी के अवतरणोत्सव पर समस्त सनातनी आस्थावानों को आत्मीय शुभकामनाएं व हार्दिक बधाई। जय राम जी की।
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★प्रणय प्रभात★
श्योपुर (मध्यप्रदेश)