ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
कितना अजीब ये किशोरावस्था
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
सृजन भाव का दिव्य अर्थ है (सजल)
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं