Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2023 · 1 min read

■ अनुभूत तथ्य…

■ आत्मीयता
एक अलग ही आभास है, जो जादुई सामर्थ्य रखता है। इसकी तुलना थोथी हमदर्दी के साथ कदापि नहीं की जा सकती। आत्मीय सहानुभूति को आत्मा उतनी ही आसानी से परख लेती है, जितनी आसानी से दिखावे की हमदर्दी को।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 531 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रिमझिम बूँदों की बहार
रिमझिम बूँदों की बहार
Pratibha Pandey
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
पूर्वार्थ
2741. *पूर्णिका*
2741. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
💐तेरे मेरे सन्देश-4💐
💐तेरे मेरे सन्देश-4💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
Saraswati Bajpai
अज़ाब होती हैं
अज़ाब होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
ആരും കാത്തിരിക്കാ
ആരും കാത്തിരിക്കാ
Heera S
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मरहटा छंद
मरहटा छंद
Subhash Singhai
" हम "
Dr. Kishan tandon kranti
वो सुनाते थे मोहब्बत की कहानी मुझको।
वो सुनाते थे मोहब्बत की कहानी मुझको।
Phool gufran
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
–स्वार्थी रिश्ते —
–स्वार्थी रिश्ते —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
🙅आज का आनंद🙅
🙅आज का आनंद🙅
*प्रणय*
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
घर
घर
Ranjeet kumar patre
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
नक़ली असली चेहरा
नक़ली असली चेहरा
Dr. Rajeev Jain
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हुनर से गद्दारी
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...