■ अटल सौभाग्य के पर्व पर
#विशेष_मुक्तक
■ सबका अपना-अपना चाँद…।।
【प्रणय प्रभात】
“चाहे जो विज्ञान कहे कहता जाए कुछ फ़र्क़ नहीं,
चाँद किसी के सपनों में है और किसी का सपना चाँद।
छत-छत आज दिखाई देगा वही नज़ारा दिलकश सा।
सबकी अपनी-अपनी छलनी, सबका अपना-अपना चाँद।।”
सभी चाँदों और उनकी चाँदनियों को अखंड सुहाग की शाश्वत मान्यताओं के प्रतीक पर्व विशेष (करवा चौथ) की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)